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बगुला भगत या हंस (फैसला आपका)

दोस्तों जैसा विदित है कि मैं घुमक्कड़ टाइप का इंसान हूं और अपनी मौज में रहना मेरी जीवन शैली है l इसी तारतम्य में एक दिन मैं अपने एक दोस्त के साथ फोटो लेने के लिए कुछ पक्षियों क...

कटु परन्तु सत्य

कभी कभी मन बड़ा व्यथित हो जाता है और आशंकाओं से घिर जाता है कि आज के सामाजिक परिवेश में भी सही और गलत के अलग अलग मायने हैं l शायद इसमे पुरातन से ही गरीब और अमीर का ही फर्क है, बाकी ...

गठबंधन

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दोस्तों कहने को तो है ये एक यात्रा वत्रातं पर शायद मेरी क़लम अपने उदेश्य पर खरी नहीं उतर पाई है । क्यूँकि यात्रा के बारे में बात करना ही था पर कुछ अपने बातों की तरफ़ मुड़ गया मैं। हुआ यूँ यह बंजारा मन काफ़ी दिनों से परेशान चल रहा है और सच ही है परेशानी में अपने बीते हुए दिन कुछ ज्यदा ही याद आते हैं। ख़ैर बात यह है की मुझे अपने और आपके परिचित संदीप राठोर की शादी में जाने का मौक़ा मिला। शायद उसने बहुत ख़ास लोगों को ही बुलाया था। होगी कोई मजबूरी या सामाजिक बंधन। यह हमारा भारतीय समाज का ताना बाना ही कुछ ऐसा है की वह हमें कहीं ना कहीं मजबूर कर देता है । बहरहाल मुझे इस मुद्दे पे कोई राय नहीं देनी है। सुबह जल्दी उठ के जाना था। चूँकि हम ट्रेन से जा रहे थे सो समय पे पहुँचना मजबूरी थी। हम नियत समय पर बिलासपुर जंक्शन पहुँच गये और हमारे साथ राइडर रचित भी हो लिए। थोड़ी जद्दो जहद के बाद हमें सीट मिली और हम राजनंद गाँव की ओर चल दिए। रास्ते में ट्रेन में बैठे बैठे मैं अपनी शादी की बिताई पूरी रस्मों रिवाज में पहुँच गया। वो मेरा आतूरता से इंतज़ार करना उस पल का...

यात्रा रजमेरगढ छत्तीसगढ़

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दोस्तों स्वागत है आप का, काफी दिनों से मुलाकात नहीं हुई हो भी कैसे यह बंजारा कहीं गया भी तो नहीं जो उस जगह का वर्णन बताए | शायद इसमें इस बंजारे की ज़्यदा गलती नहीं है हालात ही कुछ ऐसे हैं आजकल इस बंजारे के   हाहाःहाहाः | तो दोस्तों हमारे बिलासपुर   रॉयल राइडर क्लब की तरफ से निमंत्रण आया की 9 सितम्बर 2018 को रजमेरगढ चलना है | हमेशा की तरह मैंने उस जगह की जानकारी लेने की कोशिश की पर इस बार गूगल माता की बोलती बंद थी कोई जवाब न था उनके पास | मैनें न जाने का फैसला किया | सोंचा जहाँ के बारे में जानकारी नहीं वहां नहीं जाना चाहिए | कुछ लोगों से बातचीत भी हुई पर किसी ने संतुष्ट करने वाला उत्तर नहीं दिया | अचानक 8 सितम्बर को मेरे जहन में आया की मैं तो बंजारा मन , घुम्मकड़ हूँ सो जाने से क्या डरना और क्या सोंचना | चलो जो होगा देखा जाएगा | हम तय समय पर पहुँच गए नियत स्थान पर जहाँ हमें मिलना था सुबह 6:00 बजे पर भारतीय ह...