वो देसी चने की सब्जी
wo desi chane ki sabji
वो देसी चने की
सब्जी
आज ४३ सावन पार
करने के बाद पलट कर देखता हूँ तो यादों का पहाड़ नजर आता है | बहुत लोग मिले और बहुत लोग बिछड़ गए, रह गई तो बस यादें | पर कुछ लोगों नें अपनी ऐसी छाप छोड़ी जो मन मस्तिक से कभी भी
मिट नहीं सकती |
बात तब की है जब
मैं अपने गृह ग्राम इलाहाबाद में हॉस्टल में रह कर अध्धयन कर रहा था | परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि मैं हॉस्टल में रहता
और मेरे दादा जी (बाबू) गांव में रहते थे | कुछ अजीब सा नाता था उनका और मेरा | कभी ज्यादा बातचीत नहीं होती थी बस कुछ औपचारिक बातें ही
होती | सो मैं कम ही गांव जाता
पर मेरा मन गांव में बहुत लगता था और उनका साथ भी बहुत अच्छा लगता था |
एक बार मैं इतवार की छुट्टी पर घर पहुँच गया
सुबह सुबह | चूँकि ज्यादा
दूरी नहीं थी हॉस्टल और हमारे गांव के बीच लगभग २५ km की ही दूरी थी और मुझे बचपन से दो पहियों वाली सवारी बहुत
भाती है सो साइकिल से ही जाता था घर | जैसे ही घर पहुंचा देखा की दोनों कंधे पर अगोंछा डाले सफ़ेद धोती और बनियान में
एक रौबदार सख्श बैठा है चारपाई पर अकेला | अजीब सी उदासी थी आज उनके चेहरे पर | उनमें एक अजीब सा आकर्षण था जो लोगों को अपने तरफ खींच लाता था पर आज अकेले
बैठे देखकर अच्छा नहीं लगा | मुझे देखते ही वो
खड़े हो कर मुस्कुराए और बोले बहुत दिन बाद आए हो इस बार | मैं कुछ न बोल सका | खैर कुछ औपचारिक
बातों के बाद हम दोनों इधर उधर करने लगे |
थोड़ी देर बाद
उन्होंने मुझसे पूंछा खाने का क्या करना है खाना खाना है या कोई और कार्यक्रम है,
मैंने कहा मैं बनाता हूँ खाना आप नहा के आ जाओ |
उन्हें नहा कर पूजा करने में थोड़ा समय लगता था |
पर उन्होंने मुझे कुछ काम बता कर कहा कि मैं
सब्जी बनाता हूँ और तुम नहा कर रोटी बना लेना | मैंने हाँ में सर हिला दिया | समय बीता और उन्होंने सब्जी बनाई देसी चने और आलू की |
मैंने चूल्हे पर रोटी सेंकी और हम दोनों खाने
पे बैठ गए |
आप शायद ही यकीन
कर पाए की वो सब्जी का स्वाद शब्दों में नहीं बताया जा सकता | शायद वैसी स्वादिष्ट सब्जी न तो पहले कभी खाई
थी और ना ही कभी खा पाउँगा | कहने को कहा जा
सकता है कि देसी चने की सब्जी मुझे पसंद है पर वो स्वाद मैं कभी भूल नहीं सकता |
आज इतने सालों
बाद जब भी दादा जी की याद आती है तो अनायास ही उनके द्वारा बनाई सब्जी याद आ जाती
है और चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है |
शायद वो उनका
प्यार ही रहा होगा जो उनको शुगर होने के बावजूद मेरे लिए मेरी पसंद की चीज बनाने
पर मजबूर करता होगा |
I love you babu
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