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Showing posts from July, 2018

बिंद्रावन के राजा - बाँके बिहारी

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दोस्तों हुआ कुछ यूँ की मैं अपनी नौकरी के सिलसिले में दिल्ली आया हूँ और अपने पुत्र समान छोटे भाई के पास ठहरा हूँ । मौक़ा भी कुछ ऐसा आया कि शनिवार और रविवार एकदम ख़ाली है । कुछ नहीं है करने को , छोटा भाई है भी तो कॉर्प्रॉट जगत में । बहुत अच्छा लगता है ये देखकर की ये लोग पूरा वीकेंड मनाते हैं क्यूँकि शनिवार और रविवार दो दिन मिल जातें है । समय था, अपनो का साथ था सो मेरा ख़ुश रहना लाज़मी था । हम बैठे थे खाने पे की एकाएक भाई ने कहा, भैया चलिए बिन्द्रावन चलते हैं और राजा बाँके बिहारी से मिल कर के आते है । मैंने भी हाँ में सिर हिला दिया । फ़ैसला हुआ कि सुबह 6:00 बजे चल देंगे तो सब घूम कर आ जाएँगे समय से घर वापस ।  वैसे तो हमें जाना कार से ही था पर बारिश का मौसम है, यक़ीन मानें बहुत अच्छी बारिश हो रही थी दिल्ली और आसपास के इलाक़ों में । कई जगह पानी का भराव हो चुका था । चाहे तो समाचार पत्रों से पता किया जा सकता है ।  मैं थोड़ा आशंकित था मौसम को लेकर। अपने कमरे की बालकनी से बार बार बादल देखता और सोंचता, जाना सही होगा कि नहीं इस समय । पर कुछ बोल ना पाया ।  आ गया वो समय ज...

यात्रा भोरमदेव छत्तीसगढ़

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यात्रा भोरमदेव छत्तीसगढ़ लोग कहते   हैं की मन बड़ा   बावरा होता है पर मैं कहता हूँ कि घुम्मकड़ मन कुछ ज्यादा ही बावरा और चंचल होता है उम्र की सीमा से उसे कोई लेना देना नहीं है | और घुम्मकड़ इंसान को घूमने न दिया जाए तो वह अपने आप को पिंजड़े में कैद पाता है | उसका बचपन मन बेचैन सा रहता है | मैं ऐसे एक सख्श को जानता और मानता हूँ वो है मनीष मिश्रा ( मोनू )| हमारी भूटान यात्रा के बाद हम कहीं भी जा नहीं पाए थे घूमने , हो सकता है हमारे बीच में   सामंजस्य न बन पाया हो या समय की कमी या फिर जिंदगी का बोझ | जाना तो तय हुआ नाक़िआ का ( कहीं कोरबा से आगे एक मनमोहक जगह ) पर आपसी विचार विमर्श से तय हुआ की भोरमदेव चलते हैं | बारिश का मौसम और रोड कंडीशन काफी मायने रखती है हम जैसे राइडर के लिए | अब शुरू हुआ बेचैनी का दौर की कब इतवार ( 15 जुलाई 2018 ) आएगा और हम जायेंगे | मोनू जैसा कहा बावरा मन एकदम बच्चा ...